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आरएसएस नेता सुनील अंबेकर ने कहा, अहिल्याबाई भारतीय सांस्कृतिक चेतना की प्रतीक

नई दिल्ली:  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने कहा कि अहिल्याबाई भारतीय महिलाओं के लिए आदर्श हैं। उनके पूरे जीवन का कार्य भारतीय सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक है और उन्हीं के आदर्शों पर चलते हुए भारत अपने आध्यात्मिक गौरव को प्राप्त कर सकता है।

साहित्य अकादमी के सभागार में आज ‘द लोकमाता: देवी अहिल्याबाई होलकर का जीवन और विरासत’ नामक पुस्तक का विमोचन समारोह संपन्न हुआ। प्रो. बंदना झा और डॉ. प्रितेश कुमार के संपादन में प्रकाशित इस पुस्तक में अहिल्याबाई के जीवन चरित्र को बेहद खूबसूरत ढंग से दिखाया गया है। इस कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए अंबेकर ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई के जीवन चरित्र को आज की महिलाओं तंक पहुंचाने के हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए।

प्रो. बंदना झा वर्तमान में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के भाषा, साहित्य और संस्कृति अध्ययन संकाय के अंतर्गत भारतीय भाषाओं के केंद्र (Centre of Indian Languages – CIL) की अध्यक्ष हैं। वे हिंदी साहित्य और संस्कृति की एक प्रतिष्ठित अध्येता हैं, जिनके शोध का विशेष केंद्र लोक परंपराएं, स्त्री विमर्श और भारतीय इतिहास में नारी नेतृत्व रहा है। अपने वक्तव्य में उन्होंने देवी अहिल्याबाई होलकर के नेतृत्व को “नारी शक्ति और सांस्कृतिक चेतना का अनुपम संगम” बताया और कहा कि यह पुस्तक आने वाली पीढ़ियों को भारतीय महिला नेतृत्व की गहराई से समझ देगी।

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