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फर्जी दस्तावेजों से 17 बांग्लादेशियों को दिलवाए गए भारतीय पासपोर्ट, दो गिरफ्तार

अहमदाबाद:गुजरात एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक बांग्लादेशी नागरिक शामिल है। इन पर आरोप है कि इन्होंने बांग्लादेश से अवैध रूप से आए लोगों को फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारतीय पासपोर्ट दिलवाए। आरोपियों की पहचान मोहम्मद दिदारूल आलम (उर्फ राणा सरकार) और शोएब कुरैशी के रूप में हुई है। वहीं एटीएस के अनुसार एक तीसरा आरोपी, रोबिउल इस्लाम, इस समय दक्षिण कोरिया में छिपा हुआ है।

कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
बता दें कि बांग्लादेश के किशोरगंज जिले का रहने वाला आलम 2012 में भारत में घुसा था और 2015 से अहमदाबाद के नारोल इलाके में रह रहा था। उसने 2017 में फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारतीय पासपोर्ट बनवाया। बाद में आलम ने वीआईपी मोबाइल एंड मनी ट्रांसफर नाम की दुकान खोली और अपने साथियों के साथ मिलकर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र, आधार, पैन कार्ड और किरायानामा बनाकर अन्य बांग्लादेशियों को भी पासपोर्ट दिलवाने लगा। वहीं राजस्थान का रहने वाला शोएब कुरैशी 2015 से अहमदाबाद में ‘अल कुरैश एंटरप्राइज’ नाम से दुकान चला रहा है, जहां वह आधार, पैन और पासपोर्ट फॉर्म भरने का काम करता था।

एटीएस को मिले फर्जी दस्तावेज
एटीएस की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार जब आलम की दुकान पर छापा मारा गया तो वहां से कई आधार, पैन कार्ड, वोटर आईडी और एक बांग्लादेश सरकार का आईडी कार्ड बरामद हुआ। जबकि कुरैशी की दुकान से करीब 300 फर्जी दस्तावेजों की कॉपियां बरामद की गईं। एटीएस ने बताया कि इन तीनों ने अब तक 17 बांग्लादेशी नागरिकों को फर्जी दस्तावेजों से पासपोर्ट दिलवाया, जबकि 9 और लोगों के आवेदन पासपोर्ट विभाग में लंबित हैं।

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